जिंदगी के कुछ पन्ने
महाराष्ट्र की आईपीएस अधिकारी मीरां चड्डा बोरवणकर के पास युवतीयों और महिलओं के लिए एक कहानी है | यह कहनी है यह कहानी अत्यंत महत्वपूर्ण , ईनामदार और प्रसंगोचित है | अपने सपनो को साकार होते हुए देखने और समृद्ध जीवन जीने की इच्छा रखनेवाली हर युवती को यह कथा पढ़नी चाहिए| यह कथा है पंजाब के एक छोटे से गाँव से आई लड़की क़ि, जो केन्द्रिय लोकसेवा आयोग की परीक्षा में सफल हुई और जिसने पुरुषप्रधान पुलिस विभाग में अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष किया | क्या वह केवल संघर्ष ही करती रही या फिर उसकी योग्यता भी सिद्ध हुई ?
अपने करियर के मनोरंजक प्रसंगो का वर्णन करते समय मीरां इस बात का भी मार्गदर्शन करती है कि उन प्रसंगों से उन्हे क्या शिक्षा मिली | वे इस संबंध में भी कुछ मुद्दे प्रस्तुत करती है कि जीवन और करियर को उचित दिशा देने के लिए युवाओं को क्या और कैसे करना चाहिए | उन्हे लगता है कि युवाओ को में नेतृत्व का कौशाल बढ़ना चाहिए | इसलि ए पुलिस अधिकारी मीरां ने डंडे के साथ -साथ कलम भी चलाने का निर्णय लिया |
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